
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (UN) सुरक्षा परिषद में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को उसकी गलत हरकतों के लिए घेर लिया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की सुरक्षा परिषद में शांति बनाए रखने के मुद्दे पर हो रही चर्चा में पाकिस्तान को बेनकाब किया है। यहां पाकिस्तान ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया। हालांकि इस बार भी भारत ने पड़ोसी देश को आईना दिखाते हुए जमकर लताड़ा है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं करता, उसके पास नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बात करने का कोई हक नहीं है। भारत ने इस बात को उजागर किया कि पाकिस्तानी सेना ने इस महीने की शुरुआत में जानबूझकर भारतीय सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें नागरिक मारे गए और जानबूझकर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को कहा कि मैं कई मुद्दों पर पाकिस्तान के प्रतिनिधि के निराधार आरोपों का जवाब देने के लिए बाध्य हूं। हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा में एक बयान देते हुए ये टिप्पणियां कीं।
भारत ने पाकिस्तान को लगाई लताड़
उन्होंने कहा कि भारत ने दशकों से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना किया है। इसमें मुंबई शहर पर हुए 26/11 के भयानक हमले से लेकर अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर सामूहिक हत्या तक शामिल है। हरीश ने कहा, पाकिस्तानी आतंकवाद के शिकार मुख्य रूप से आम नागरिक रहे हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य हमारी समृद्धि, प्रगति और मनोबल पर हमला करना रहा है। ऐसे देश का नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है।
आतंकवाद को दिया बढ़ावा
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बार-बार नागरिकों की ढाल का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, हमने हाल में पाकिस्तान के वरिष्ठ सरकारी, पुलिस और सैन्य अधिकारियों को ऑपरेशन सिंदूर के निशाने पर आए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते देखा। एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं करता, उसके पास नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है।
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
हरीश ने कहा कि हमें स्पष्ट होना चाहिए। नागरिकों की सुरक्षा को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों की सुरक्षा के लिए तर्क के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ आना चाहिए और इसे प्रायोजित करने और इसका बचाव करने वालों को बाहर निकालना चाहिए। हरीश ने कहा कि परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नागरिकों के जीवन, सम्मान और अधिकारों सहित उनकी प्रभावी और समयबद्ध सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव
पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद, भारत ने छह मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक हमले करके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया था। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश पी ने कहा कि ‘पाकिस्तान बार-बार हमारे जम्मू और कश्मीर पर बेबुनियाद और अनावश्यक बयान देता है। ऐसे बयान न तो पाकिस्तान के झूठे दावों को सही ठहरा सकते हैं, न ही आतंकवाद फैलाने की उसकी नीति को।’ भारत ने साफ शब्दों में ये भी कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अवैध रूप से कब्जा किया है और उसे वो इलाका छोड़ना ही होगा। हरीश ने पाकिस्तान को नसीहत दी कि वह अपनी छोटी सोच और देश को बांटने वाली नीतियों को छोड़कर शांति की दिशा में कदम बढ़ाए।
यूएन में हो रहे उस बैठक में भारत ने कड़ा संदेश देते हुए कहा, ‘पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि वह जिस PoK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में बैठा है, उसे छोड़ना ही होगा। अगर पाकिस्तान शांति चाहता है तो उसे पहले आतंकवाद और नफरत फैलाना बंद करना होगा।’ भारत ने ये भी कहा कि वह पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है, लेकिन यह जिम्मेदारी पाकिस्तान की है कि वह पहले आतंकवाद को खत्म करे और शांति का माहौल बनाए, ताकि दोनों देशों के बीच किसी तरह की बातचीत संभव हो सके।
अंत में, भारत ने पाकिस्तान को यह भी सलाह दी कि वह संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर अपनी छोटी-मोटी राजनीति न करे। यहां हमें शांति की बात करनी है, न कि पुराने विवादों को तूल देना है। कुल मिलाकर, भारत ने पाकिस्तान को फिर से याद दिलाया कि PoK पर उसका अवैध कब्जा किसी भी हालत में जारी नहीं रह सकता।