
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार ने हाल ही में आयकर छूट सीमा को 12 लाख रुपये तक बढ़ाया और जीएसटी स्लैब को सरल बनाकर केवल 5% और 18% किया है। उन्होंने कहा ‘हर देशवासी का मुंह मीठा होगा। इन सुधारों से देश को 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। इसी के साथ पीएम मोदी ने GST 2.0 के फायदे भी गिनाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर काम कर रही है और इसका असर देश को हालिया टैक्स सुधारों में दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि आयकर छूट और जीएसटी सुधारों को जोड़कर देखें तो बीते एक साल में लिए गए फैसलों से देशवासियों को 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। पीएम मोदी ने खुद बताया क्यों कहा इसे ‘बचत उत्सव’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ टैक्स में कमी नहीं है, बल्कि देश के हर वर्ग को राहत देने वाला कदम है। ‘इसलिए मैं इसे बचत उत्सव कहता हूं। गरीब हो या मध्यमवर्ग, महिलाएं हों या युवा, हर किसी की जेब में ज्यादा बचत होगी और त्यौहारों के इस मौसम में सबका मुंह मीठा होगा।’
राहत के साथ नए अवसर
मोदी ने स्पष्ट किया कि यह सुधार केवल कीमतें कम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के लिए नए अवसर पैदा करेगा। ‘हमारे मध्यम वर्ग की बचत बढ़ेगी, युवाओं को फायदा होगा और पूरी अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।’ पीएम नरेन्द्र मोदी ने बताया कि सरकार ने हाल ही में आयकर छूट सीमा को 12 लाख रुपये तक बढ़ाया और जीएसटी स्लैब को सरल बनाकर केवल 5% और 18% किया है. रोजमर्रा और खाने-पीने की अधिकांश चीजें अब 5% की श्रेणी में आ गई हैं। इन सुधारों का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था और आम लोगों की बचत पर पड़ेगा।
विकास और निवेश को नई दिशा
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सुधारों से भारत की विकास यात्रा को गति मिलेगी, कारोबार करना आसान होगा, निवेश बढ़ेगा और हर राज्य विकास की दौड़ में बराबरी का साझेदार बनेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 11 सालों में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को हराया है, और आगे भी ये सुधार देश की प्रगति को और तेज करेंगे। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पुराने टैक्स ढांचे का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 से पहले हालात इतने जटिल थे कि एक कंपनी के लिए देश के भीतर माल भेजना विदेश भेजने से भी मुश्किल पड़ता था। उन्होंने कहा, ‘उस दौर में टैक्स के जाल का सबसे ज्यादा बोझ गरीबों पर पड़ता था। आज का बदलाव उसी जंजाल से मुक्ति की दिशा में बड़ा कदम है।’