
नई दिल्ली। लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। वह लंबे समय से नेपाल से अपने नापाक हरकतों को ऑपरेट कर रहा था। हालांकि, वर्तमान में वह सिंध प्रांत के बदीन और हैदराबाद में लश्कर-ए-तैयबा की भर्ती और वित्तपोषण के लिए जिम्मेदार था। वह रजाउल्लाह के नाम से छिपकर रह रहा था। भारत में कई आतंकी हमलों में सैफुल्लाह खालिद का सीधा हाथ भी था।
इसने महाराष्ट्र के नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में साल 2006 में हमले की साजिश रची थी। आतंकी एंबेसडर कार में पुलिस के कपड़े पहनकर आए थे। हालांकि, वह हमला करते उससे पहले पुलिस ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। इन लोगों के पास से एके – 56 राइफल, हैंड ग्रेनेड और आरडीएक्स मिले थे। 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्थित सीआरपीएफ कैम्प पर हमला करवाया था। इस हमले में सात जवान शहीद हो गए थे। इस मामले में एनआइए (NIA) ने तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सन् 2005 में बेंगलुरु में आतंकी हमला हुआ था। भारतीय विज्ञान संस्थान के एक ऑडिटोरियम में चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बाद बाहर निकल रहे लोगों पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी जिसमें एक प्रोफेसर की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे। सैफुल्लाह खालिद लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव था।
लश्कर-ए-तैयबा ने इसे भारत में हमलों की तैयारी करने के लिए टास्क दिया था। जिसके बाद ये नेपाल में कई सालों तक भेष बदलकर रहता था। वो वहां से लगातार भारत में आतंकवादी हमले करवा रहा था। लेकिन जब भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसके बारे में जानकारी मिली तो ये नेपाल से भागकर पाकिस्तान में छिपा हुआ था। इंडिया का ये मोस्ट वांटेड आतंकी था। सैफुल्लाह अलग – अलग नाम विनोद कुमार और दूसरे नामों से नेपाल से आतंकी गतिविधियों को ऑपरेट कर रहा था। पाकिस्तान में इसे अज्ञात हमलावारों ने मार गिराया है।