
वाराणसी (उ. प्र.)। वाराणसी के होटल डी पेरिस में बिना अनुमति आयोजित होने जा रहे ‘गरबा रास महोत्सव 5.0’ पर पुलिस ने रोक लगा दी। आयोजकों ने भोजपुरी स्टार पवन सिंह के नाम पर हजारों टिकट बेच डाले, लेकिन प्रशासन से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई थी। कार्यक्रम रद्द होने की जानकारी भी लोगों को नहीं दी गई, जिससे नाराज भीड़ ने आयोजकों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया।
भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार पवन सिंह आए दिनों सुर्खियों में छाए रहते हैं। एक बार फिर पवन सिंह का नाम उत्तर प्रदेश के वाराणसी में खासा चर्चाओं में बना हुआ है और वजह है एक हाई-प्रोफाइल गरबा रास महोत्सव। यह महोत्सव वाराणसी जिले में बिना अनुमति के आयोजित होने जा रहा था, जिसे पुलिस ने रोक दिया है।
इस इवेंट को खास बनाने के लिए आयोजकों ने भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए हजारों टिकट बेच दिए गए थे। कार्यक्रम का आयोजन कैंट थाना क्षेत्र स्थित होटल डी पेरिस में 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को किया जाना था। ‘गरबा रास महोत्सव 5.0’ नाम से यह डांडिया इवेंट शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक प्रस्तावित था।
बिना परमिशन था इवेंट, पवन सिंह का किया जा रहा था प्रमोशन
पुलिस जांच में पता चला कि आयोजक अनिल साहू (वेडिंग प्लानर) द्वारा इस कार्यक्रम के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। बावजूद इसके, बड़े स्तर पर टिकट बेचे गए और प्रचार-प्रसार किया गया कि भोजपुरी स्टार पवन सिंह इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस बात की जानकारी जब पुलिस को हुई तो उन्होंने जांच में पाया कि गरबे का आयोजन बिना परमिशन के किया जा रहा है।
लोगों में गुस्सा, आयोजक फरार
घटना के बाद पुलिस ने इस आयोजन पर रोक लगा दी। इस बीच, हजारों टिकटधारी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और आयोजन रद्द मिला, तो वहां भारी हंगामा हो गया। नाराज लोगों ने आयोजकों पर धोखाधड़ी (चीटिंग) का आरोप लगाया। बताया जा रहा है कि आयोजक मौके से फरार हो गया, और लोगों को कार्यक्रम रद्द होने की जानकारी तक नहीं दी गई थी।
5 – 5 हजार रुपए में बिके थे टिकट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गरबा रास महोत्सव में पहुंचे लोगों ने बताया कि उन्होंने इसके टिकट हजारों रुपए खर्च करके खरीदे थे। कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने टिकट के लिए 5-5 हजार रुपए तक दिए थे। ऐसे में आयोजन अचानक कैंसिलेशन किए जाने के बाद लोग काफी परेशान नजर आए। इस दौरान लोगों ने आरोप लगाया कि यदि उन्हें समय से सूचना दी गई होती तो वह यहां नहीं आते।
एसीपी कैंट नितिन तनेजा ने पुष्टि की है कि आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने आयोजक को नोटिस भेज दिया है और कहा है कि यदि इसके बावजूद कार्यक्रम होता तो आयोजक समूह और होटल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती। अब सवाल उठ रहा है कि जिन लोगों ने टिकट खरीदे हैं, क्या उन्हें उनका पैसा वापस मिलेगा।