
बस्ती (उ. प्र.)। बस्ती के बसहवां में सरस्वती विद्या मंदिर भारत में सुयोग्य नागरिक तैयार करने का केन्द्र बन रहा है। भारतीयता के प्रति अनुराग रखने वाले लोगों के माध्यम से सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। ये बातें उ. प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहर की भीड़-भाड़ से अलग ग्रामीण क्षेत्र में विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिर के नये विद्यालय भवन के भूमिपूजन व शिलान्यास के मौके पर कहीं। श्री योगी ने कार्यक्रम में आए हुए विशाल जन समूह, छात्र – छात्राओं, अध्यापकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय पद्धति के अनुसार शिक्षा व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री पूज्य योगी जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं मां सरस्वती, ओम और भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन से हुआ। विद्यालय की संगीत टोली ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गोविंद सिंह जी द्वारा मंचासीन अतिथियों का परिचय एवं स्वागत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के भैया – बहनों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। मंच पर योगी आदित्यनाथ के अतिरिक्त कार्यक्रम के अध्यक्ष मा. हेमचंद्र, क्षेत्र संगठन मंत्री विद्या भारती, विशिष्ट अतिथि मा. रमेश जी प्रांत प्रचारक, गोरक्ष प्रांत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, डॉ. सौरभ मालवीय विद्या भारती के क्षेत्रीय मंत्री, प्रांतीय मंत्री गोरक्ष प्रांत डॉ. शैलेश कुमार सिंह, प्रदेश निरीक्षक श्री राम सिंह, विद्यालय के कोषाध्यक्ष श्री प्रहलाद मोदी, विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गोविंद सिंह, हरैया विधानसभा के विधायक श्री अजय सिंह और भाजपा के जिला अध्यक्ष श्री विवेकानंद शुक्ल की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
अपने संबोधन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्या भारती की चर्चा करते हुए विद्यालय के नवीन परिसर की आवश्यकता के बारे में प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय पद्धति के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है। तत्कालीन सरकारों ने शिक्षा के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं किया। सरकार की मर्जी, वह शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करें ना करें या भी सरकार तय करती है। भारतीयता के प्रति अनुराग रखने वाले लोगों के माध्यम से सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। गोरखपुर में पहला सरस्वती शिशु मंदिर 1952 ईस्वी में स्थापित हुआ था। उसमें छात्रों की संख्या मात्र पांच थी। सरस्वती शिशु मंदिर पाँच संख्या से प्रारंभ होता है और आज 12000 से भी अधिक केवल सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर स्थापित हो चुके हैं। केवल ऐसे विद्यालय ही वे संस्थान है जो पूरी प्रतिबद्धता के साथ विद्यालय चला रहे हैं।कौन सरकार रहे, कौन ना रहे, पाठ्यक्रम सरकार क्या दे रही है, इसकी परवाह के बगैर बच्चों के अंदर भारत और भारतीयता के प्रति एक नागरिक के रूप में, कर्तव्य के रूप में, कर्तव्य का बोध कराने के रूप में, भारत को सुयोग्य नागरिक देने के रूप में अपने इस राष्ट्रीय कर्तव्य को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। यही कारण है सरस्वती शिशु मंदिर से निकले हुए छात्र आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समाज को नेतृत्व भी दे रहे हैं, समाज का मार्गदर्शन भी कर रहे हैं, समाज को एक नई गति देकर प्रधानमंत्री मोदी जी के विकसित भारत के संकल्प के साथ जुड़े हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कोई भी देश शक्तिशाली हो, समर्थ हो, आत्मनिर्भर हो, इसकी शुरुआत होती है शिक्षा से। दुनिया के अंदर जब समृद्धि की चर्चा होती है और उनके द्वारा जो पैरामीटर तय होते हैं, उसमें सबसे पहले पैरामीटर का शिक्षा का है। शिक्षा कैसी होनी चाहिए, शिक्षा के पीछे का उद्देश्य क्या होना चाहिए, शिक्षा के बाद स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती है, स्वास्थ्य के बाद कृषि और जन संसाधन को प्राथमिकता दी जाती है, कौशल विकास को इसके साथ जोड़ा जाता है और फिर पर्यावरण को ध्यान में रख करके सरकार नीतियां बनाती है। हम तभी समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो पाएंगे। समग्रता के उस लक्ष्य को प्राप्त करने की मंशा के साथ कोई अभियान आगे बढ़ता है तो वह केवल उस देश के हित में बल्कि मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
सीएम योगी ने कहा कि यह केवल एक विद्यालय के भूमि पूजन का और शिलान्यास का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि विद्या भारती द्वारा भारत में सुयोग्य नागरिक तैयार करने का एक नया केंद्र विकसित हो रहा है।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री जी ने मोदी सरकार और अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा भी की। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में मोदी जी के पंच प्रण विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता तथा नागरिकों के कर्तव्य की याद भी दिलाई और मोदी सरकार के 25 वर्षों के दूरदर्शी विजन के बारे में बताया।विद्यालय के प्रबंधक डॉ. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने सभी आगतुकों के प्रति आभार ज्ञापन किया। शांति मंत्र के साथ इस भव्य कार्यक्रम का समापन हुआ।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अध्यक्ष केशव शिक्षा समिति, विद्या भारती सिद्धार्थ शंकर मिश्र ने बस्ती के बसहवां में सरस्वती विद्या मंदिर के नवीन विद्यालय के भूमिपूजन अवसर पर पधारे यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का स्वागत करते हुए बधाईयां दीं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, विद्या भारती के सरस्वती विद्या मंदिर, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के नवीन प्रकल्प का आज महर्षि वशिष्ठ की पावन धरा जनपद बस्ती में भूमि पूजन एवं शिलान्यास सम्पन्न हुआ। सरस्वती शिशु मंदिर, बच्चों के अंदर भारत और भारतीयता के प्रति, एक नागरिक के रूप में उन कर्तव्यों का बोध कराने, सुयोग्य नागरिक बनाने हेतु अपने राष्ट्रीय दायित्व का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन कर रहा है। यहां से निकले हुए छात्र आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समाज को नेतृत्व देकर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प के साथ जुड़कर पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपना योगदान दे रहे हैं।
केशव शिक्षा समिति विद्या भारती के तरफ से माननीय मुख्य मंत्री जी एवं समस्त संगठनों के पदाधिकारियों को हृदय से बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ। बस्ती जनपद वासियों को इस संस्कार युक्त शिक्षा के नवीन आयाम के लिए बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ।