
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल के पार्टी से निकाले जाते ही सूबे में सियासी पारा तेजी से चढ़ गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ़ करना समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल के विवाद का घर बन गया है। लेकिन पूजा पाल अपनी बात पर अडिग हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। समाजवादी पार्टी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए विधायक पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस संबंध में पार्टी की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। अब वह सपा के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकेंगी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें निष्कासित करते हुए निष्कासन पत्र जारी किया है। बता दें कि विधायक पूजा पाल ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की थी। उन्होंने एक बयान में कहा था कि अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति से उन्हें भी न्याय मिला है। उन्होंने कहा था कि अतीक अहमद ने मेरे पति की हत्या की थी और योगी सरकार की अपराधों के प्रति नीति के कारण उनकी तरह प्रयागराज की कई महिलाओं को न्याय मिला।
बताया जाता है कि सपा नेता उनके इस बयान से असहज थे क्योंकि वो प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने का काम करते हैं। यूपी के मानसून सत्र में भी नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा कि अपराधियों का जाति और धर्म देखकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। निष्कासन के लिए जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि पूजा पाल के द्वारा किया गया कार्य पार्टी विरोधी और गंभीर अनुशासनहीनता है। अत: उन्हें तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है। उन्हें सपा के सभी पदों से भी हटा दिया गया है अब वह पार्टी के किसी भी कार्यक्रम और मीटिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगी और न ही उन्हें आमंत्रित किया जाएगा।
भावुक हुईं पूजा पाल – सच कहना गलत नहीं
सपा से निकाले जाने के बाद विधायक पूजा पाल भावुक नजर आईं। उन्होंने कहा कि मेरे पति की हत्या की अतीक अहमद ने की थी और फिर योगी सरकार ने मुझे न्याय देते हुए अतीक अहमद को सजा दी। ये कहना गलत नहीं है कि मुझे न्याय मिला है। मैं मुलायम सिंह यादव के समय से सपा से नहीं जुड़ी थी। मुझे लगा कि अखिलेश यादव अपराधियों से नफरत करते हैं इसलिए सपा में शामिल हुई थी। ये बात सच है कि मेरे दुश्मनों को खत्म किया गया है।
भाजपा प्रत्यााशी को मतदान
सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय, विधायक राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, राकेश पांडेय, पूजा पाल, विनोद चुतर्वेदी और आशुतोष मौर्य ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ को मतदान किया था। वहीं, सुभासपा के विधायक जगदीश नारायण राय ने सपा को वोट दिया। जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की विधायक पत्नी महराजी देवी ने मतदान नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि महराजी ने भाजपा नेताओं से कहा था कि वह भाजपा प्रत्याशी को वोट नहीं देंगी लेकिन वह पार्टी की मदद के लिए मतदान ही नहीं करेंगी। उनके मतदान नहीं करने का फायदा भी भाजपा को ही हुआ।
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर 24 घंटे चली मैराथन चर्चा को संबोधित करते हुए सपा विधायक पूजा पाल ने कहा था, “मैंने अपना पति खोया है, सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या कैसे हुई और किसने की। मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात तब सुनी जब किसी ने नहीं सुनी। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया और अपराधियों को दंड दिया। मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लाकर अतीक अहमद जैसे अपराधियों को मिट्टी में मिलाया है।” उन्होंने कहा था, “पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री की ओर विश्वास से देखता है। ‘मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने मिट्टी में मिलाने का काम किया।’ मैं उनके इस जीरो टॉलरेंस का समर्थन करती हूं। मैंने तब आवाज उठाई थी, जब मैंने देखा कि कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता। जब मैं इस लड़ाई से थकने लगी, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे न्याय दिलाया।”