
बस्ती (उ. प्र.)। पूर्वांचल के लब्ध प्रतिष्ठ पत्रकार, सम्पादक दिनेश चन्द्र पाण्डेय का स्वर्गवास हो गया है। उन्होंने 18 फरवरी मंगलवार की रात अंतिम सांस ली। उनके निधन से बस्ती की पत्रकारिता में शोक की लहर व्याप्त हो गयी। उन्होंने बस्ती से भारतीय बस्ती नामक हिन्दी दैनिक समाचार पत्र की स्थापना की। इसके साथ ही आवाज दर्पण नाम से हिन्दी साप्ताहिक भी प्रकाशित किया। ये करीब पचहत्तर वर्ष के थे। ये अपनी बेबाक लेखनी और स्पष्टवादिता के लिए बेहद लोकप्रिय थे। श्री पाण्डेय ने बस्ती ही नहीं पूरे पूर्वांचल की पत्रकारिता को नई राह दिखाई है। उन्होंने सशक्त और निर्भीक पत्रकारिता को नया आयाम दिया।
श्री दिनेश चन्द्र पाण्डेय ने अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया। उनके दो पुत्र प्रदीप चन्द्र पाण्डेय और दिलीप कुमार पाण्डेय हैं। प्रदीप जी भारतीय बस्ती और आवाज दर्पण का सम्पादन करते हैं। दिलीप कुमार पाण्डेय आज का आतंक हिन्दी दैनिक का प्रकाशन करते हैं। वे अपने पीछे नाती पोतों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। समाज के सभी वर्गों के लोग उनके निधन से मर्माहत हैं और श्रद्धांजलियों का तांता लगा हुआ है। भारतीय बस्ती एवं आवाज दर्पण समाचार पत्र के संस्थापक दिनेश चन्द्र पाण्डेय के निधन पर प्रेस क्लब सभागार में उनकी आत्मा की शांति हेतु श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। उनके निधन की खबर पर किसी को सहज रूप से विश्वास नही हो पा रहा था, इनके आवास पर लोगो का हुजूम लग गया।
बताते चले कि पंडित दिनेश सांकृत्यायन ने वर्ष 1972 में गोरखपुर से प्रकाशित हिन्दी दैनिक समाचार पत्र से पत्रकारिता की शुरुआत की उसके बाद बनारस से प्रकाशित दैनिक गांडीव जैसे समाचार पत्र से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत की। उसके बाद वर्ष 1974 के भारतीय बस्ती पाक्षिक का शुरुआत की। फिर साप्ताहिक उसके बाद दैनिक भारतीय बस्ती का प्रकाशन शुरू किया। उसके बाद अपना पूरा जीवन पत्रकारिता में जिए। कभी भी अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नही किए। इनके निधन से पत्रकारिता के एक युग का अंत हो गया। पंडित दिनेश सांकृत्यायन के निधन से पत्रकारिता क्षेत्र का एक मजबूत स्तम्भ ढह गया।
पत्रकार प्रकाश चन्द्र गुप्ता, मजहर आजाद, सुरेश सिंह गौतम, विनोद कुमार उपाध्याय, स्कन्द शुक्ल, आलोक त्रिपाठी, कृष्णदेव मिश्र, जयंत मिश्र ने कहा कि पाण्डेय जी ने अपने पत्रकारिता काल के जीवन में सिद्धान्तों के साथ समझौता नहीं किया। उनके निधन से पत्रकारिता जगत को गहरा आघात पहुंचा है जिसकी पूर्ति कभी भी नहीं की जा सकती।
पत्रकार सरदार जगवीर सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, राजकुमार, राजेश पाण्डेय, प्रवीण पाण्डेय, चन्द्रप्रकाश शर्मा, जीशान हैदर रिजवी, प्रेस क्लब महामंत्री महेन्द्र तिवारी, पुनीत दत्त ओझा, राजेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि पाण्डेय जी पत्रकारिता जगत के स्तम्भ थे, उनका पूरा जीवन पत्रकारिता के प्रति समर्पित था। पत्रकार वशिष्ठ पाण्डेय, सर्वेश श्रीवास्तव, विपिन बिहारी त्रिपाठी, शिवशंकर लाल श्रीवास्तव, संदीप गोयल, राकेश गिरि, ब्रह्मसेवक पाण्डेय ने कहा कि पाण्डेय जी ने विपरीत परिस्थितियों में धैर्य का परित्याग नहीं किया साथ ही साथ अनेक चुनौतियों का सामना दृढ़तापूर्वक किया।
रामकुमार, तवेरज आलम, राघवेन्द्र सिंह, अश्वनी कुमार शुक्ल, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, रजनीश त्रिपाठी, जयप्रकाश उपाध्याय, मनोज कुमार यादव, बबुन्दर यादव, अनिल भेलखा, रामकृष्ण लाल जगमग, बसंत ने कहा कि पाण्डेय जी के निधन से पूरा पत्रकार जगत मर्माहत है और ईश्वर से प्रार्थना है कि उनके आत्मा को शांति प्रदान करते हुए परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति दे। श्रद्धांजलि सभा में अनेकों पत्रकार, साहित्यकार एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।