
बस्ती (उ. प्र.)। जिले के पैकोलिया थाना क्षेत्र के जीतीपुर लाला पुरवा में गुण्डों से मां को बचाने के लिए दौड़ी एक बच्ची की चाकू मारकर हत्या किये जाने और उसी परिवार के चार लोगों पर जानलेवा हमला कर गम्भीर रुप से घायल किये जाने के मामले में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने प्रभारी निरीक्षक धर्मेन्द्र यादव, एसआई रमेश कुमार और मुख्य आरक्षी देवनाथ यादव को निलंबित कर दिया है। इस जघन्य हत्याकांड में 11 नामजद व अज्ञात लोगों के विरुद्ध दर्ज एफआईआर में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। डीआईजी ने अस्पताल जाकर घायलों का हाल जाना और कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।

इस हत्याकांड में 11 नामजद में से मुख्य अभियुक्त दूधनाथ और अमरनाथ सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना 15 जून को सायं करीब साढ़े तीन बजे उस वक्त हुई जब जमीनी विवाद के मामले में राजस्व टीम की निशानदेही के बाद श्रीवास्तव परिवार द्वारा अपने हिस्से में मिट्टी पाटने काम किया जा रहा था। इतने में दूधनाथ व अमरनाथ सहित कई लोगों ने पैमाइशी निशानदेही को उखाड़ फेंका और श्रीवास्तव परिवार पर हमला बोल दिया। इस हमले में करीब तेरह वर्षीय नाबालिग लड़की सिद्धि श्रीवास्तव उर्फ परी पुत्री अंशू श्रीवास्तव की चाकुओं से गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई। इस जघन्य हत्याकांड और जानलेवा हमले के मामले में अंशू श्रीवास्तव पुत्र हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने 11 नामजद व अन्य अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 191(2), 191(3), 333, 109(1), 103(1), 351(3) व 126(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। गौरतलब हैं कि जमीनी विवाद के इस मामले में मनबढ़ो ने दुस्साहसिक तरीके से चाकुओं से गोदकर नाबालिक बच्ची की हत्या और परिवार के अन्य लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है। परिवार में दो महिलाओं सहित चार लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल बस्ती में चल रहा है।
घायलों से मिले डीआईजी
डीआईजी संजीव त्यागी ने बस्ती जिला अस्पताल पहुंचकर जीतीपुर की घटना के घायलों से मुलाकात की और घायलो के बेहतर इलाज हेतु अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिये। श्री त्यागी ने 15 जून को हुए जीतीपुर काण्ड में घायल अंशिका श्रीवास्तव पत्नी अतुल श्रीवास्तव, अतुल श्रीवास्तव पुत्र स्वर्गीय वेद प्रकाश, आशा श्रीवास्तव पत्नी स्व. वेद प्रकाश श्रीवास्तव से 16 जून को मुलाकात कर स्वास्थ्य की स्थिति जानी। डीआईजी ने घायलों से घटना के सम्बंध में जरुरी जानकारी भी प्राप्त की।

अंशू श्रीवास्तव पुत्र हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि रविवार 15 जून को उनके मामा अतुल श्रीवास्तव पुत्र वेदप्रकाश श्रीवास्तव निवासी जीतीपुर थाना पैकोलिया से अमरनाथ वर्मा पुत्र रामकरन से पुराना जमीनी विवाद है। जिसकी पैमाइश 14 जून शनिवार को राजस्व टीम व पुलिस द्वारा दोनों पक्षों की मौजूदगी में करके सीमांकन भी कर दिया गया था। लेकिन पैमाइश होने के बाद अतुल श्रीवास्तव के विपक्षी 15 जून रविवार को लगभग सायं तीन बजे सीमांकन किये गये खूंटे को उखाड़ रहे थे। मना करने पर अमरनाथ, दूधनाथ पुत्रगण रामकरन, सुमन पुत्री अमरनाथ, अंशिका पूत्री अमरनाथ, मिथलेश उर्फ बिट्टन पुत्री रामकरन, कुसुम पत्नी अमरनाथ, शिवकुमारी पत्नी रामकरन, फूलकुमारी पत्नी दूधनाथ, नीरज पुत्र अज्ञात(अमरनाथ का भांजा) शिक्षा वर्मा पुत्री दूधनाथ, राजेन्द्र पुत्र रामलखन एवं कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा एकराय व गोलबंद होकर अतुल श्रीवास्तव, अंशिका श्रीवास्तव, आशा श्रीवास्तव व उनकी लड़की सिद्धि श्रीवास्तव उर्फ परी को घेरकर व घर में घुसकर दूधनाथ व अमरनाथ ने तत्काल सिद्धि श्रीवास्तव के ऊपर चाकू से वार कर दिया एवं चाकू, लाठी डण्डा व लोहे की राड से मारा व पीटा गया जिससे सिद्धि श्रीवास्तव उर्फ परी की मौके पर ही मृत्यु हो गई तथा अतुल श्रीवास्तव, अंशिका श्रीवास्तव एवं आशा श्रीवास्तव तथा अंशु श्रीवास्तव को गम्भीर रूप से चोटें आईं। जिसमें अतुल, अंशिका एवं आशा को हरैया सीएचसी में इलाज के लिए लाया गया। लेकिन गम्भीर चोट होने के कारण जिला चिकित्सालय बस्ती रेफर कर दिया गया। ज्ञातव्य है कि इस प्रकरण ने राजस्व व पुलिस महकमे की भूमिका तथा कार्यशैली पर ऐसे गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिनका जवाब हर व्यक्ति पूछ रहा है। जमीनी विवाद को निपटाने में राजस्व व पुलिस महकमा नाकाम रहा है। इस हत्याकांड ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया है। इस घटना से पूरे जिले में सनसनी फैल गई है।

जानकारी के अनुसार हर्रैया तहसील की राजस्व टीम द्वारा विवादित जमीन की पैमाइश कर दी गयी थी। जिसका भौतिक सीमांकन तय होने के बाद अतुल श्रीवास्तव द्वारा मिट्टी गिरवाया जा रहा था। इसी दौरान दूधनाथ वर्मा और अमरनाथ वर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर हमला बोल दिया। अतुल श्रीवास्तव व उनके परिवार पर धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। आक्रोशित जनता ने परसा – परसरामपुर मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था। जिसके लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। शांति व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस पिकेट बढ़ा दी गई है। इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली और पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Reported by santosh dubey




