
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है। 22 अप्रैल मंगलवार को पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। इस घटना से पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। अमेरिका, इजरायल सहित तमाम प्रमुख देशों ने आतंकवाद के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए भारत को कड़ी कार्यवाही करने सलाह दी है। सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई। बैठक शुरू होने से पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
बैठक में पहलगाम आतंकी हमले के बारे में सभी राजनैतिक दलों से भारत का इस हमले को लेकर क्या जवाबी कार्यवाही पर एक्शन के लिए राय मांगी गई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दलों के नेता पहुंचे हैं। बैठक में गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर समेत अधिकारी भी मौजूद रहे।
सर्वदलीय बैठक से कुछ देर पहले ही गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचे थे। माना जा रहा है कि पहलगाम हमले के बाद भारत के पाकिस्तान पर लिए गए एक्शन और भविष्य में उठाए जाने वाले अन्य सख्त संभावित फैसलों से राष्ट्रपति को अवगत कराया। जब गृहमंत्री और विदेश मंत्री की राष्ट्रपति के साथ बातचीत चल रही थी तभी विदेश मंत्रालय में भी एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही थी जिसमें कई देशों के राजदूतों को बुलाया था।
जानकारी के मुताबिक भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जर्मनी, चीन, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन और रूस, इजरायल समेत अन्य देशों के भारत में तैनात राजदूतों के साथ बैठक की और पहलगाम हमले के संबंध में भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया गया। इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका के बारे में भी राजदूतों को जानकारी दी गई। इस बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निदा करते हुए भारत के साथ इजरायल की एकजुटता दिखाई।