
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को आतंकवाद से निपटने के लिए खुली छूट दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोभाल के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई। सेना प्रमुखों ने भी भाग लिया। सरकार ने आतंकवाद को कुचलने का संकल्प लिया है। पहलगाम हमले के बाद सैन्य कार्रवाई की योजना बन गयी है। सरकार ने भारत की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आतंकवाद को कुचलने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सेनाओं को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, पीएम ने स्पष्ट किया कि सेना को जवाबी कार्रवाई का समय, लक्ष्य और तरीका स्वयं तय करने की खुली छूट है। उन्होंने कहा कि सेना आतंकवादियों को करारा जवाब देने के लिए किसी भी आवश्यक कदम को उठाने में सक्षम है। पीएम मोदी ने कहा कि थल सेना, नौसेना और वायुसेना को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए किसी भी प्रकार की बाधा नहीं होगी। यह फैसला पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया। पीएम ने जोर देकर कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है और सेनाएं इस खतरे को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने सेना की क्षमता और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि देश को अपनी सशस्त्र सेनाओं पर पूरा भरोसा है। इस मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अलग से मीटिंग गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी हुई। सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में पहलगाम आतंकी हमले के बाद उपजी सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा हुई। इसके बाद संघ संचालक मोहन भागवत भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने पहुंचे।
पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई को पूरी दुनिया का समर्थन मिल रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत के साथ ही पूरे दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में आतंकवादियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। हमले के बाद भारत की खुफिया एजेंसियां और सक्रिय हो गयी हैं। सीमा पार आतंकी ठिकानों पर नजर रखी जा रही है। सेना ने जम्मू-कश्मीर में अपनी चौकसी बढ़ा दी है। संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा, खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकवादियों के खिलाफ लक्षित ऑपरेशन शुरू किए जाने वाले हैं। कल होने वाली कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर और विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक भी हो सकती है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। सीसीएस की बैठक में सेना के ऑपरेशनल प्लान और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स की समीक्षा की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि भारत इस हमले का जवाब न केवल त्वरित, बल्कि इतना प्रभावी देगा कि आतंकवादी संगठनों को स्पष्ट संदेश मिले।