
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में 22 अप्रैल मंगलवार को घिनौने आतंकी हमले से एक ओर पूरी दुनिया दुखी और स्तब्ध है, वहीं भारत बहुत गुस्से में है और आतंक को अपनी गोद में रखने वाले पाकिस्तान को अब सबक सिखाने के लिए हुक्का पानी बंद कर रहा है। पर्यटकों के लिए अत्यंत लुभावने और कश्मीर में जन्नत कहे जाने वाले पहलगाम में भोले भाले निर्दोष पर्यटकों का धर्म पूछकर गैर मुस्लिम 26 लोगों की आतंकियों ने बड़ी ही क्रूरता के साथ परिवार के सामने हत्याएं की हैं। इनमें एक विदेशी पर्यटक की गोली मारकर हत्या की है। चारों ओर मचे हाहाकार में एक ही मांग उठ रही है कि पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाए भारत। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर 23 अप्रैल बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए पांच बड़े फैसले किये हैं। भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में बड़ी कटौती कर दी है। छह दशक से ज्यादा पुरानी सिंधु जल संधि रद्द करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने, सभी पाकिस्तानी वीजा रद्द करने और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घण्टे में भारत छोड़ने का फरमान जारी किया है।
पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड को भारत के ऐक्शन का डर सता रहा है। सैफुल्लाह खालिद कसूरी ने हमले के बाद पहला बयान जारी किया, जिसमें उसने कहा कि पहलगाम हमले से पाकिस्तान का ताल्लुक नहीं है। बाइस अप्रैल मंगलवार को अनंतनाग के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में एक विदेशी नागरिक सहित 26 लोग मारे गए थे। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान हाफिज सईद के बहाने भारत को नई धमकी दी है। आतंकवादी हाफिज सईद के एक पुराने वीडियो के जरिए पाकिस्तान ने भारत को धमकी देते हुए कहा है कि पानी रुकेगा तो दरिया में खून बहेगा। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसिंयों ने सोशल मीडिया पर हाफिज का वीडियो वायरल किया है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी सीसीएस की बैठक के बाद जो निर्णय लिए गए उसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के सचिव की तरफ से दी गई। इन्हीं में से एक निर्णय वाघा-अटारी सीमा पर बने चैकपोस्ट को बंद करने का है। यह चेकपोस्ट भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार, यात्रा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक प्रमुख रास्ता रहा है। इस चेक पोस्ट के बन्द होने से पाकिस्तान की कमर टूटने जैसी स्थिति हो सकती है।
अब पाकिस्तान के सामने छ: बड़े संकट खड़े हो सकते हैं। जिसमें पहला यह कि – अटारी-वाघा सीमा भारत और पाकिस्तान के बीच सड़क मार्ग से होने वाले व्यापार का प्रमुख केंद्र है। साल 2019 में भारत द्वारा पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस लेने और व्यापारिक रिश्तों में कटौती के बाद भी, कुछ वस्तुओं (जैसे ताजे फल, सीमेंट, और टमाटर) का आयात-निर्यात इस सीमा के जरिए होता रहा है। इस चेकपोस्ट के बंद होने से पाकिस्तान को भारत से टमाटर, चीनी, चाय, और अन्य आवश्यक वस्तुओं का आयात प्रभावित होगा, जिससे वहां इन वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। दूसरी समस्या पाकिस्तान में जीवनरक्षक दवाओं की कमी हो सकती है – वर्ष 2019 में जब पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते तोड़े थे, तब वहां जीवनरक्षक दवाओं और कच्चे माल की कमी हो गई थी। अटारी चेकपोस्ट बंद होने से यह समस्या फिर से उभर सकती है। पाकिस्तान को इससे तगड़ा झटका लगेगा। तीसरी समस्या एक्सपोर्ट की है – पाकिस्तान भारत को ताजे फल (अमरूद, आम, अनानास), सीमेंट, चमड़ा, और मसाले जैसी वस्तुएं निर्यात करता है। चेकपोस्ट बंद होने से इन वस्तुओं का निर्यात रुक सकता है, जिससे पाकिस्तान के व्यापारियों और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। चौथी दिक्कत यात्राओं को लेकर हो सकती है – अटारी-वाघा सीमा के जरिए दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के देश में यात्रा करते हैं, खासकर सिख तीर्थयात्री जो पाकिस्तान में गुरुद्वारों जैसे करतारपुर साहिब की यात्रा करते हैं। चेकपोस्ट बंद होने से ये यात्राएं रुक सकती हैं। हालांकि इसे लेकर सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। वर्ष 2019 में समझौता और थार एक्सप्रेस बंद होने के बाद कई लोग अपने परिवारों से मिलने के लिए वैकल्पिक और महंगे रास्तों (जैसे हवाई यात्रा) पर निर्भर हो गए थे। चेकपोस्ट बंद होने से यह समस्या फिर से बढ़ सकती है।
पांचवीं समस्या पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था है – पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भारत के साथ व्यापार बंद होने से उसकी अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा। साल 2019 में व्यापार बंद होने के बाद पाकिस्तान को वैकल्पिक स्रोतों से सामान आयात करना पड़ा, जिससे लागत बढ़ी थी। छठवीं चुनौती पाकिस्तान में रोजगार के नुकसान की है – अटारी-वाघा सीमा पर दोनों देशों के कई लोग (जैसे कुली, ट्रक ड्राइवर, और दुकानदार) रोजगार पर निर्भर हैं।चेकपोस्ट बंद होने से इन लोगों की आजीविका प्रभावित होगी। इससे पाकिस्तान में महंगाई बढ़ सकती है।
महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि ‘मैं पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जान गंवाने वालों को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना। हम शोकाकुल परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। हम जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर विजयकुमार बिदारी से बात की और विस्तृत जानकारी ली। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के दो पर्यटकों दिलीप डिसले और अतुल मोने की जान चली गई है। स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस आतंकवादी हमले में महाराष्ट्र के दो लोग घायल हुए हैं। इनमें से एक पनवेल के माणिक पटेल और दूसरे एस भालचंद्र राव हैं। सौभाग्य से दोनों की हालत स्थिर है।’
जम्मू कश्मीर में महाराष्ट्र के 68 लोग फंसे हुए हैं। लोगों ने सरकार से श्रीनगर में फंसे हुए लोगों को बचाने की मांग की है। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वहां से निकाला जाए। इनमें से ज्यादातर पुणे जिले से है। ये है इनकी लिस्ट – 1. ज्योति जुरुंगे (9860596889), 2.आदित्य जनार्दन खटटे (9552729057), 3. जनार्दन बबन खटाते 4. मनीषा जनार्दन खटाटे 5. काजल आदित्य खटाटे(काजल रमेश पोरे), 6. ज्ञानेश्वर जावलकर, 7. साधना जावलकर, 8. नीलेश उंबरकर, 9. ज्योति उंबरकर, 10. आर्या उंबरकर, 11. भूमि उंबरकर, 12. प्रसाद सावंत, 13. दीपा डी सावंत, 14. दीपा पी सावंत, 15. राकेश टकले, 16. अश्विनी टकले, 17. सिद्धांत टकले, 18. सुनील निकम, 19. रेखा निकम, 20. दीपाली गायकवाड़, 21. वैष्णवी गायकवाड़, 22. तेजश्री गायकवाड़, 23. मनीषा गायकवाड़, 24. निर्मला अदक, 25. वैशाली धगते, 26. किरण वाग्मोडे, 27. समशेर शेख, 28. शाइन शेख, 29. सिद्धिक शेख, 30. शिरीष देशमुख, 31. भाग्यश्री देशमुख, 32. प्रज्वल कुलल, 33. अश्विनी फुटाने, 34. नासिर शेख, 35. विनोद यादव, 36. कोमल यादव, 37. अमोल हंबीर, 38. मोना हम्बीर, 39. आरोही हंबीर, 40. गोविंद यादव, 41. ज्योति यादव, 42. कैवल्य यादव, 43. अमोल म्हस्के, 44. स्वप्नाली म्हस्के, 45. वर्षा कंचन, 46. आर्या कंचन, 47. युवराज होल, 48. तेजश्री छिद्र, 49. तनिष्क होल, 50. चित्राक्ष छिद्र, 51. सविता लोनकर, 52.सतीश गायकवाड़, 53. दर्शन गायकवाड, 54. प्ररज्वल कुतवल, 55. संध्या देडगे, 56. शौनक डेज, 57. रोहिणी गायकवाड़, 58.आदित्य गायकवाड, 59. प्रथमेश जुरुंगे, 60. शालिनी नागेकर, 61. श्रद्धा काले, 62. साई काले, 63. शेहा कुलाल, 64. अलका कुदाले, 65. क्लापना गायकवाड, 66. सुषमा शिंदी, 67. रूपाली तांबे और दीपाली लोखंडे आतंकी हमले के बाद वहां फंसे हुए हैं।