
नई दिल्ली। लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। चर्चा में अनुराग ठाकुर ने कहा ‘ये हिंदुस्तान है तालिबान या पाकिस्तान नहीं है।’ यहां बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान चलेगा। मुगलिया फरमान नहीं चलेगा।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 2 अप्रैल बुधवार को वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पेश किया। किरण रिजिजू ने इसे उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया है।
बिल को केंद्र की सरकार में शामिल TDP, JDU और LJP ने समर्थन दिया। शिवसेना UBT सांसद अरविंद सांसद ने अपने भाषण में ये क्लियर नहीं किया कि वे बिल के पक्ष में है या विरोध में। चर्चा के दौरान AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है। मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं। बिल फाड़ने के बाद ओवैसी संसद की कार्यवाही छोड़कर चले गए।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- वक्फ में गैर इस्लामिक नहीं आएगा। ऐसा कोई प्रोविजन भी नहीं है। वोट बैंक के लिए माइनॉरिटीज को डराया जा रहा है। शाह ने कहा ‘एक सदस्य ने कह दिया कि यह बिल माइनॉरिटीज स्वीकार नहीं करेगी। क्या धमकी दे रहे हो भाई। संसद का कानून है, स्वीकार करना पड़ेगा। बिल पर चर्चा में रिजिजू ने 58 मिनट अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने 5 मार्च 2014 को 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दीं। ऐसा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक वोटों के लिए किया गया, पर चुनाव हार गए। रिजिजू ने कहा- अगर हमने आज यह संशोधन बिल पेश नहीं किया होता, तो जिस इमारत में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, ‘अगर यह बिल संसद में पास हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे।’
, बस्ती मण्डल के डुमरियागंज सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि बिल में सबके सुझाव शामिल किए गये हैं। वक्फ (संशोधन) बिल के लिए बनी जेपीसी के अध्यक्ष रहे भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा- हम चाहते तो पिछले सत्र में ही बिल पास करा सकते थे। हमारे पास लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत है। लेकिन हमारा मकसद इस बिल को सशक्त बनाना था। हमने राज्यों से, विशेषज्ञों से और अधिकारियों और नेताओं से रायशुमारी की। हमने पक्ष और विपक्ष सबके सुझाव इसमें शामिल किए हैं। ओवैसी ने कहा कि ये बिल अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन है। AIMIM (एमआईएमआईएम) AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा- ये अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन है। यह बिल मुस्लिमों के साथ अन्याय है।