
नई दिल्ली। नौ माह की लम्बी प्रतीक्षा के बाद
भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री साथियों ने पृथ्वी पर सकुशल अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर इतिहास में अपना नाम अंकित करा दिया है। सुनीता और बुच विल्मोर पिछ्ले 9 महीने से भी ज़्यादा समय से अंतरिक्ष में फंसे हुए थे। सुनीता के साथ एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर (Butch Wilmore) भी 5 जून, 2024 से अंतरिक्ष में ही थे, जिन्हें सिर्फ कुछ दिन के लिए ही स्पेस मिशन पर भेजा गया था। उनके साथ बुच विल्मोर, निक हेग (Nick Hague) और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव (Aleksandr Gorbunov) भी धरती पर वापस लौट आ गये हैं।
हालांकि पहले इन दोनों को धरती पर वापस लाने की नासा (NASA) ने काफी कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली तो स्पेसएक्स (SpaceX) ने यह ज़िम्मेदारी ली। हर कोई सुनीता की जल्द से जल्द धरती पर वापसी का इंतज़ार कर रहा था और अब वो इंतज़ार खत्म हो गया है।
सुनीता और अन्य एस्ट्रोनॉट्स को धरती पर वापस लाने में एलन मस्क (Elon Musk) ने अहम भूमिका निभाई। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) से एलन की स्पेस रिसर्च कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल (Dragon Capsule) ही सुनीता समेत चारों एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित धरती पर वापस लाया।
भारतीय समयानुसार आज, बुधवार, 19 मार्च को तड़के सुबह 3 बजकर 27 मिनट (अमेरिकी समयानुसार मंगलवार, 18 मार्च को शाम 5 बजकर 57 मिनट) पर सुनीता के स्पेसक्राफ्ट ने सफलतापूर्वक धरती पर लैंडिंग की और फ्लोरिडा (Florida) में स्प्लैशडाउन (Spalshdown) किया। भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौटे हैं। इनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी हैं।
चारों एस्ट्रोनॉट मंगलवार (18 मार्च) को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रवाना हुए थे। स्पेसक्राफ्ट के धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने पर इसका तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया था। इस दौरान करीब 7 मिनट के लिए कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा यानी यान से संपर्क नहीं रहा। ड्रैगन कैप्सूल के अलग होने से लेकर समुद्र में लैंडिंग तक करीब 17 घंटे लगे। 18 मार्च को सुबह 08:35 बजे स्पेसक्राफ्ट का हैच हुआ, यानी दरवाजा बंद हुआ। 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग हुआ। 19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ। यानी, कक्षा से उल्टी दिशा में स्पेसक्राफ्ट का इंजन फायर किया गया। इससे स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री हुई और सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैंडिंग।
सुनीता विलियम्स की वापसी के लिए भारत में कई स्थानों पर प्रार्थनाएं और हवन पूजन किया गया।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। लेकिन थ्रस्टर में आई गड़बड़ी के बाद उनका 8 दिन का मिशन 9 महीने से ज्यादा समय का हो गया था।
सुनीता विलियम्स की सकुशल वापसी के लिए की गई पूजा अर्चना
सुनीता विलियम्स की वापसी पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘गौरव, गर्व और राहत का पल! पूरा विश्व भारत की इस बेटी की सुरक्षित वापसी का जश्न मनाने के लिए एक साथ आया है, जो अंतरिक्ष में अनिश्चितताओं को सहन करने के साहस, दृढ़ विश्वास और स्थिरता के लिए इतिहास में दर्ज हो गई है।’ सुनीता विलियम्स की सफल वापसी के बाद नासा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और एलन मस्क की स्पेस कंपनी स्पेसएक्स को धन्यवाद दिया। कहा – इस मिशन में कई चुनौतियां थीं, लेकिन सबकुछ जैसा सोचा था वैसा रहा।
ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर पर सुनीता विलियम्स की सफल वापसी पर कर्मचारियों ने एक दूसरे को बधाई दी।
सुनीता विलियम्स को ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाला गया। इस दौरान उनके चेहरे पर खुशी दिख रही थी। उन्होंने हाथ हिलाकर वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया।
सबसे पहले क्रू कमांडर निक हेग को बाहर लाया गया। इसके बाद अलेक्जेंडर गोरबुनोव, सुनीता विलियम्स और आखिर में बुच विल्मोर बाहर आए।
सुनीता की सुरक्षित वापसी के लिए देशभर में पूजा-हवन हुए
गुजरात में सुनीता विलियम्स के चचेरे भाई के घर परिवार में खुशी का माहौल है। परिवार के सदस्यों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।