
(मनीष श्रीवास्तव ‘अंकुर’)
बस्ती (उ. प्र.)। राहत आयुक्त कार्यालय, उत्तर प्रदेश से प्राप्त आदेशों के अनुपालन में जनपद में साँप काटने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं प्रबंधन हेतु विशेष “स्नेक बाइट मिटिगेशन एवं प्रशिक्षण अभियान” संचालित किया जा रहा है। यह अभियान जनपद के सभी तहसीलों एवं विकास खंडों में व्यापक स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत मुख्य विकास अधिकारी सार्थक अग्रवाल एवं अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) प्रतिपाल चौहान द्वारा की गई।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में साँप काटने की घटनाएं वर्षा ऋतु एवं फसल कटाई के समय विशेष रूप से बढ़ जाती हैं। ऐसे में जनजागरूकता, प्राथमिक उपचार का ज्ञान तथा चिकित्सकीय प्रबंधन की सुदृढ़ व्यवस्था आवश्यक है। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को साँप के काटने पर घबराने के बजाय सही प्राथमिक उपचार अपनाने के प्रति जागरूक करना है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों एवं एएनएम/अस्पताल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे त्वरित एवं वैज्ञानिक तरीके से उपचार प्रदान कर सकें। इस प्रशिक्षण अभियान के अंतर्गत आपदा विशेषज्ञ रंजीत रंजन के नेतृत्व में 21 चिकित्सीय प्रशिक्षु प्रतिभागी राज्य स्तर पर आयोजित अर्ध-चिकित्सकीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (Semi Clinical Training Program) में भाग लेंगे। यह प्रशिक्षण 31 अक्टूबर 2025 को पंचायती राज निदेशालय प्रशिक्षण केंद्र, लोहिया भवन, लखनऊ में आयोजित किया जाएगा।
इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य साँप काटने की पहचान एवं सही उपचार विधि की जानकारी देना, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में त्वरित प्राथमिक सहायता व्यवस्था को सशक्त बनाना, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग एवं पंचायत प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करना, लोगों में अंधविश्वासों को दूर कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि “यह अभियान केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे जुड़ी जागरूकता रैलियाँ, विद्यालय कार्यक्रम और ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाएँगी।”इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों एवं प्रशिक्षकों ने संकल्प लिया कि जनपद को “स्नेक बाइट मुक्त जिला” बनाने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे।





