
मनीष श्रीवास्तव ‘अंकुर’
बस्ती (उ. प्र.)। विभिन्न कारणों से टूट परिवारों की एक बड़ी समस्या जुआ भी है। जिसके चलते कई घरों में खुशियां छिन जाने की नौबत आती रहती है। इस सबके बावजूद जिले में शहर तक तमाम जगहों पर जुए के अड्डे संचालित हो रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी ऐसे लापरवाह बने बैठे हैं जैसे इस अवैध और समाज विरोधी क्रियाकलाप को संरक्षण दे रहे हों। शहर में करीब दर्जन भर स्थानों पर जुए ने कुटीर उद्योग का रुप ले रखा है। कई जुए के अड्डों के विडियो भी वायरल हो चुके हैं, लेकिन क्या मजाल किसी के कान पर जूं भी रेंगी हो।
बस्ती शहर में कई जगहों पर बेरोक टोक जुए के अड्डे संचालित हो रहे हैं, जहां फड़ पर लाखों के वारे न्यारे होते हैं। शहर में बरदहिया, पाण्डेय बाजार एवं दक्खिन दरवाजा क्षेत्र में जुआरियों के हौसले काफी बढ़ गये हैं। जुए के कारण घर बर्बाद होने के तमाम मामले सामने आ चुके हैं, पर यहां किसी की चलती। इसके पूर्व तारकेश्वर टाईम्स ने महसों में जुए की खबर को उठाया था तो वहां जुए का बन्द हुआ था, लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक बन्द नहीं हुआ है बल्कि जगह बदल दी गयी है। समाज के लिए घातक जुए का इतना गैर कानूनी काम इतना खुलेआम करने से आखिर क्यों नहीं डरते लोग। क्या जिम्मेदारों को इसकी सचमुच भनक नहीं। जुए के अड्डे बन्द होना समाज के हित में जरुरी है। स्थानीय पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। लोगों की मानें तो पुलिस पर अलग ही आरोप लगते हैं। यदि जुए के अड्डे बन्द हो जायं, तो कई घरों में लौट आएंगी खुशियां।