
बस्ती (उ. प्र.)। जगत नियंता योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देश में हर्षोल्लास पूर्वक धूमधाम से मनाया गया। हर गांव गली चौराहों पर तीनों लोकों के स्वामी बांके बिहारी का जन्मोत्सव मनाने की धूम रही। सम्पूर्ण मानवता को प्राप्त करने के उद्देश्य से श्रीहरि ने कौशल, नीतियों और प्रेम के साथ जीव मात्र से नाता रखने का और साहस के साथ सत्य के साथ रहने की शिक्षा दिया है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रिजर्व पुलिस लाइन्स, लखनऊ में आयोजित समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का उपदेश ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ हर व्यक्ति को जिस निष्काम कर्म की प्रेरणा प्रदान कर रहा है, वह वास्तव में हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य भी है। यही संविधान के मूल कर्तव्यों का हिस्सा है। सीएम योगी ने सभी पुलिस कर्मियों व उनके परिवार एवं प्रदेश वासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हृदय से बधाई दिया हे!
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादों मास अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि में हुआ था। इनकी माता देवकी थीं और पिता का नाम वसुदेव था।
कंस द्वारा बंदी बनाये गये वसुदेव और देवकी जी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो द्वारपाल सो गये और कारागार के दरवाजे खुल गये। कंस को पता चल गया था कि देवकी की आठवीं संतान के द्वारा उसका वध होगा। कंस देवकी का भाई अर्थात योगेश्वर श्रीकृष्ण का मामा था। वह घोर अत्याचारी था।
देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम मची हुई है। सुबह से ही भगवान श्री कृ्ष्ण की जन्मभूमि जाने वाले मार्गों पर श्रद्धालुओं की लाइन लगी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, गृहमंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित छोटे बड़े सभी ने हर्षोल्लास के साथ योगेश्वर श्रीकृष्ण का जन्मदिवस मनाया। हर घर में श्रीकृष्ण जन्मे। भाद्रपद मास के कृ्ष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
सेवानिवृत्त शिक्षिका श्रीमती पुष्पलता पाण्डेय ने धूमधाम से भगवान का जन्म कराकर प्रसन्नता व्यक्त की है।
देश में भगवान श्रीकृष्ण के अनगिनत मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु जाते हैं और भगवान की विधिवत पूजा करते हैं। बृज भूमि में हर ओर श्रद्धालु ही दिखाई दे रहे हैं।
सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी है। कान्हा की भक्ति में आस्थावान सुधबुध खोए बैठे हैं। सभी सोमवार को जन्मोत्सव में शामिल होने का इंतजार है। देश-दुनिया के श्रद्धालु भगवान के जन्मोत्सव में शामिल होने को व्याकुल हैं।