
गोरखपुर। गोरखपुर पुलिस द्वारा एक लाख रुपए का ईनामी बदमाश कुख्यात गौतस्कर और गोरखपुर में नीट के छात्र दीपक गुप्ता की हत्या का आरोपी जुबैर रामपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इसके ऊपर बलरामपुर में सिपाही पर जानलेवा हमले का भी आरोप भी था। थे। इसके ऊपर करीब 18 मुकदमे दर्ज थे। इस पुलिस मुठभेड़ में एक दरोगा व एक सिपाही घायल हो गए हैं। जुबेर मूल रूप से रामपुर के ही शहर काेतवाली क्षेत्र का रहने वाला था और आठ साल से पशु तस्करी के धंधे में लिप्त था। इस मुठभेड़ में उप निरीक्षक और सिपाही भी घायल हुए हैं। पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। वह मुहल्ला घेर मर्दान खां का जुबैर कालिया था।
(मुठभेड़ के बाद रामपुर अस्पताल के बाहर पुलिस फोर्स)
15 सितंबर को वह अपने साथियों की मदद से गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र में पशुओं को वाहनों में लाद रहा था। इस दौरान वहां लोग जाग गये थे और तस्करों का पीछा किया। पशु तस्करों के पीछे गए नीट की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता का अपहरण कर गाड़ी में डालकर ले गए थे। बाद में उसकी हत्या कर शव फेंक दिया था। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया था। गो तस्करों की गाड़ी को फूंक दिया था और पुलिस पर भी पथराव किया था। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री ने घटना का संज्ञान लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। तस्करों की धरपकड़ के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। गोरखपुर पुलिस ने इस मामले में 12 अज्ञात के खिलाफ अपहरण व हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस को जांच से पता चला है कि आरोपितों में एक गो तस्कर रामपुर जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला घेर मर्दान खां का जुबैर कालिया पुत्र फिरासत भी शामिल है। गोरखपुर पुलिस के अलावा एसटीएफ और रामपुर पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम भी रखा गया। शुक्रवार देर रात पुलिस को जुबैर के रामपुर में होने की सूचना मिली। पुलिस ने उसकी धरपकड़ के लिए जाल बिछाया। पुलिस ने चाकू चौराहा से मंडी समिति जाने वाले रास्ते पर उसे घेर लिया। उसने पुलिस को देख तमंचे से फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाब में गोलियां चलाईं। पुलिस की गोली लगने से वह घायल होकर गिर गया। उसके द्वारा चलाई गोली से शहर कोतवाली की पीला तालाब चौकी के प्रभारी राहुल जादौन और सिपाही संदीप कुमार भी घायल हो गए। सभी घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां जुबैर को मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए जुबैर के खिलाफ करीब 18 मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ रामपुर जिले के शहर कोतवाली, गंज कोतवाली, मिलक कोतवाली, केमरी थाना में पशु क्रूरता अधिनियम, गोहत्या निवारण अधिनियम, गैंगस्टर, शस्त्र अधिनियम आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हैं। इसके अलावा बलरामपुर और गोरखपुर जिले में भी मुकदमे दर्ज हैं। बलरामपुर जिले में पहली सितंबर 2024 काे उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। वह बलरामपुर में अपने साथियों के साथ मिलकर गोवंशीय पशुओं को वाहन में लाद रहा था। सूचना पर तुलसीपुर थाना पुलिस वहां पहुंच गई। गो तस्करों से पूछताछ करने लगी। इसी दौरान गो तस्कर जुबैर कुरैशी ने सिपाही मनीष कुमार को सिर पर डंडा मारकर घायल कर दिया था। इसके बाद सभी गाड़ी छोड़कर भाग गए थे। बलरामपुर पुलिस को वाहन में आठ गोवंशीय पशु मिले थे। तब भी वह फरार हो गया था। डीआइजी गोंडा ने उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था। वह गिरफ्तारी से बचने को दूसरे राज्यों में छिपकर रह रहा था। छह जनवरी 2025 को एसटीएफ ने शहजादनगर थाना पुलिस की मदद से उसे मुठभेड़ के बाद दबोच लिया था। बाद में जमानत पर जेल से बाहर आकर फिर अपराध करने लगा था।