
बस्ती (उ. प्र)। नैनो जागरूकता अभियान के अन्तर्गत विकास खण्ड बस्ती सदर के बी पैक्स कटरा बुर्जुग गांव में किसान सभा का आयोजन किया गया। 18 सितंबर को सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में करीब 70 किसान शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्रधान श्रवण कुमार रहे। अध्यक्षता ग्राम प्रधान ने की।
इफको के क्षेत्रीय अधिकारी शुभम विश्वकर्मा ने बताया कि नैनो डीएपी तरल का प्रयोग किसान बीज शोधन 5 मिलीलीटर / किलोग्राम बीज की दर से एवं जड़ शोधन 5 मिलीलीटर/ लीटर के दर से करें। आलू की फसल में 10 मिलीलीटर/ लीटर पानी से कंद उपचार करें एवं दानेदार डीएपी की मात्रा आधी प्रयोग करें। 30-35 दिन बाद जब फसल पर पत्तियां आ जाए तो फसलों में 4 मिलीलीटर/ लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया प्लस रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी लाकर बेहतर पोषण व गुणवत्तायुक्त उत्पादन बढ़ाता है ।
नैनो यूरिया प्लस का प्रयोग तब करें फसल जब 30 से 35 दिन की हो जाए। उस वक्त पत्तियों पर 4 मिलीलीटर /लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें और दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 15 से 20 दिन बाद करें एवं दानेदार यूरिया का प्रयोग केवल पहली टापड्रेसिंग में ही करें। शेष नाइट्रोजन की पूर्ति नैनो यूरिया प्लस के माध्यम से करें। इसके प्रयोग से पौधों को जब नाइट्रोजन की पूर्ति पत्तियों के माध्यम से हो जाएगी तो खरपतवार पर भी अंकुश लगेगा, फसल उपज एवं गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है। नैनो यूरिया प्लस की 500 एमएल की एक बोतल एक एकड़ क्षेत्रफल के लिए पर्याप्त है। उन्होंने किसानों को बताया कि द्वितीय एवं तृतीय टापड्रेसिंग में नैनो यूरिया प्लस या नैनो यूरिया प्लस तथा नैनो डीएपी का एक साथ घोल बनाकर छिड़काव अवश्य करे इससे फसल उपज एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है। सभी को आगामी रबी सीजन में नैनो डीएपी के बीज शोधन में ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने को कहा गया। उपरोक्त कार्यक्रम के दौरान सचिव नन्द किशोर भी मौजूद रहे।